Wednesday, June 4, 2014

क्यों मुस्लिम बहुल प्रदेश/देश में गैर मुसलमानों का जीना हराम हो जाता है !!


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1- काफिरों पर हमेशा रौब डालते रहो और मौक़ा मिलकर सर काट दो .(सूरा अनफाल -8 : आयत 112)

2 -काफिरों को फिरौती लेकर छोड़ दो या क़त्ल कर दो .
“अगर काफिरों से मुकाबला हो ,तो उनकी गर्दनें काट देना ,उन्हें बुरी तरह कुचल देना .फिर उनको बंधन में जकड लेना .यदि वह फिरौती दे दें तो उनपर अहसान दिखाना,ताकि वह फिर हथियार न उठा सकें . (सूरा मुहम्मद -47 :आयत 14)


3 -गैर मुसलमानों को घात लगा कर धोखे से मार डालना .
‘मुशरिक जहां भी मिलें ,उनको क़त्ल कर देना ,उनकी घात में चुप कर बैठे रहना .जब तक वह मुसलमान नहीं होते (सूरा तौबा -9 : आयत 5)

4 -हरदम लड़ाई की तैयारी में लगे रहो .
“तुम हमेशा अपनी संख्या और ताकत इकट्ठी करते रहो. ताकि लोग तुमसे भयभीत रहें .जिनके बारे मे तुम नहीं जानते समझ लो वह भी तुम्हारे दुश्मन ही हैं .अल्लाह की राह में तुम जो भी खर्च करोगे उसका बदला जरुर मिलेगा .(सूरा अन फाल-8 : आयत60)

5 -लूट का माल हलाल समझ कर खाओ .
“तुम्हें जो भी लूट में माले -गनीमत मिले उसे हलाल समझ कर खाओ, और अपने परिवार को खिलाओ .(सूरा अन फाल-8 : आयत 69)

6- लूट में मिले माल में पांचवां हिस्सा मुहम्मद का होगा .
“तुम्हें लूट में जो भी माले गनीमत मिले ,उसमे पांचवां हिस्सा रसूल का होगा . (सूरा अन फाल- 8 :आयत 40)

7- इतनी लड़ाई करो कि दुनिया मे सिर्फ इस्लाम ही बाकी रहे .
“यहां तक लड़ते रहो ,जब तक दुनिया से सारे धर्मों का नामोनिशान मिट जाये .केवल अल्लाह का धर्म बाक़ी रहे. (सूरा अन फाल-8 :आयत 39)

8- अवसर आने पर अपने वादे से मुकर जाओ .
“मौक़ा पड़ने पर तुम अपना वादा तोड़ दो ,अगर तुमने अलाह की कसम तोड़ दी,तो इसका प्रायश्चित यह है कि तुम किसी मोहताज को औसत दर्जे का साधारण सा खाना खिला दो .(सूरा अल मायदा -5 : आयत 89)

9– इस्लाम छोड़ने की भारी सजा दी जायेगी .
“यदि किसी ने इस्लाम लेने के बाद कुफ्र किया यानी वापस अपना धर्म स्वीकार किया तो उसको भारी यातना दो .(सूरा अन नहल -16 : आयत 106)

10– जो मुहम्मद का आदर न करे उसे भारी यातना दो
“जो अल्लाह के रसूल की बात न माने,उसका आदर न करे,उसको अपमानजनक यातनाएं दो .(सूरा अल अहजाब -33 : आयत 57)

11 -मुसलमान अल्लाह के खरीदे हुए हत्यारे हैं .
“अल्लाह ने ईमान वालों के प्राण खरीद रखे हैं ,इसलिए वह लड़ाई में क़त्ल करते हैं और क़त्ल होते हैं.अल्लाह ने उनके लिए जन्नत में पक्का वादा किया है .अल्लाह के अलावा कौन है जो ऐसा वादा कर सके.(सूरा अत तौबा -9 : आयत 111)

12 -जो अल्लाह के लिए युद्ध नहीं करेगा ,जहन्नम में जाएगा .
“अल्लाह की राह में युद्ध से रोकना रक्तपात से बढ़कर अपराध है.जो युद्ध से रोकेंगे वह वह जहन्नम में पड़ने वाले हैं और वे उसमे सदैव के लिए रहेंगे .(सूरा अल बकरा -2 : आयत 217)

13 -जो अल्लाह की राह में हिजरत न करे उसे क़त्ल कर दो
जो अल्लाह कि राह में हिजरत न करे और फिर जाए ,तो उसे जहां पाओ ,पकड़ो,और क़त्ल कर दो .(सूरा अन निसा -4 : आयत 89)

14 -काफिरों के साथ चाल चलो .
“मैं एक चाल चल रहा हूँ तुम काफिरों को कुछ देर के लिए छूट देदो .ताकि वह धोखे में रहें (अत ता.सूरा रिक -86 : आयत 16 ,17)

1 comment:

  1. Yaar sharm karo jo aayten tumne likhi hain,unme se jyadatar galat h,likhna h to sahi likho,proof chahiye to batao mai dunga,manta hu iss type ki kuch cheeze Quran me kikhi h,magar aapne had se jyada bada-chadakar likha h,kai jagah to bilkul galat,phle un aayton ko aur unke aayat no. Check kr lo fir post karna..

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