Monday, October 28, 2013

आतंकवाद मतलब इस्लाम



अक्सर मुस्लिम और हरामी सेकुलरों का खतरनाक गठजोड़ ये अफवाह फैलाते रहते हैं कि ….. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है …. और ये चंद मुट्ठी भर लोगों का काम है …… लेकिन, सच्चाई क्या है…… हमारा कश्मीर ही इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है..!कश्मीर में हरामी मुल्लों द्वारा बन्दूक की नोक पर जिस प्रकार वहां के मूल निवासियों (कश्मीरी पंडितों) को निष्कासित किया गया , वैसी मिसाल पूरी दुनिया में नहीं मिलेगी……. क्योंकि कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग होते हुए भी….. वहां के मुस्लिम अलगाववादियों ने धार्मिक भेद के आधार पर हिन्दू जाति के लोगों को प्रताड़ित किया… उनकी हत्याएं की… महिलाओं से बलात्कार किया ….. और, उन्हें उनके पुश्तैनी घरों से निकल बाहर कर दिया … जिस कारण वे आज शरणार्थी बन कर “”अपने ही देश में”" कैम्पों में रहने को मजबूर हैं…!

यह उन के लिए तो आज तक की एक भयावह त्रासदी है ही………. पर, मेरी राय में….. यह , देश और खास कर हिन्दुओं के लिए शर्म से चुल्लू भर पानी में डूब मरने से भी ज्यादा शर्मनाक है…!

आज भी नपुसंक सरकार… और मनहूस सेकुलरों द्वारा…….. उन मुस्लिम जेहादी अलगाववादियों को मारने और उन्हें सजा देने के बजाए….. उनसे सुलह-समझौते की बातें होती रहती है ………..और ., उसमें कश्मीरी पंडितों का कोई रोल नहीं होता जबकि वे वहां के सबसे बड़े स्टेक होल्डर हैं… कश्मीर के मालिक हैं..!

क्या कोई बता सकता है कि….. जब कश्मीर भारत का हिस्सा है….. तो, उसका अलग संविधान क्यों हो…… और, वहां आर्टिकल 370 क्यों चाहिए…????

हमारा कश्मीर सदियों से सनातन धर्म और संस्कृति का गढ़ होते हुए भी आज “”मुस्लिम आतंकवादियों या कहें कि जेहादियों”" के कारनामों के चलते कश्मीरी पंडितों की अस्मिता की रक्षा करने में असमर्थ है….!

कौन लोग जिम्मेदार हैं इस स्थिति के लिए……..????????

वे जो भी हैं……….देशभक्त तो कतई नहीं है…….!

एक तरफ तो…. कश्मीर में मुस्लिम अलगाववादी …. कश्मीर में दारुल-हरब और दारुल-इस्लाम की स्थापना में लगे हैं और हमारे हुक्मरान उनके इन मंसूबों को कामयाब होने में उनकी मदद करते हैं .

इस से अधिक शर्मनाक बात और दोगली नीति भला और क्या हो सकती है…..???????

आज देश का नेतृत्व चाहे तो गिलानी जैसे नेताओं और अन्य अलगाववादियों को महज चंद घंटों में ही “मुहम्मदनशीन” अर्थात नारकीय किया जा सकता है……. या फिर पिग्गिस्तान में शरण लेने के लिए मजबूर किया जा सकता है …………पर , उल्टे उनसे सुलह सफाई की बात की जाती है…. उन्हें पूरियां और जलेबियाँ परोसी जाती है…!

आज कश्मीर में मुस्लिम एक ऐसी कौम है … जो सूफियों, संतों और ऋषियों की पवित्र ज़मीन को निर्दोष लोगों के खून से रंग रहे है….!

अब इसका एक ही इलाज है कि….. उन मुस्लिमों को पकड़ो और चुन-चुन कर मारो…. या, फिर ये स्वीकार करो कि ये कायरों का देश है….!

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