Monday, October 28, 2013

बेकार, नाकारा धर्म है इस्‍लाम

तस्‍लीमा नसरीन

मुसलमानों के गुस्‍से में जला बांग्‍लादेश, तस्‍लीमा बोलीं- बेकार, नाकारा धर्म है इस्‍लाम....
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ‘अल्लाहो अकबर’ का नारे लगाते हुए हजारों लोगों ने रवि‍वार को कठोर ईशनिंदा कानून की मांग करते हुए 100 दुकानों को आग लगा दी। पुलिस के साथ हुई झड़पों में आज कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 80 घायल हो गए। नव-गठित हिफातज-ए-इस्लाम या ‘इस्लाम के संरक्षक’ धर्मनिरपेक्ष आवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार पर कठोर ईशनिंदा कानून लागू कराने के लिए दबाव बनाने की खातिर ‘ढाका का घेराव’ करने की अपनी योजना को अंजाम दे रहे हैं। वह इस्लाम या पैगंबर का अपमान करने वालों को सजा देने के लिए ईशनिंदा कानून लागू करने सहित अपनी 13 सूत्री मांग के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।
अशांति फैलाने वाले हि‍फाजत-ए-इस्‍लाम के सदस्‍यों को बांग्‍लादेश की प्रसिद्ध लेखि‍का डा.तस्‍लीमा नसरीन ने आड़े हाथ लि‍या है। तस्‍लीमा ने अपने ब्‍लॉग में लि‍खा है कि, 'हि‍फाजत-ए-इस्‍लाम के हजारों समर्थकों ने शहर में लोगों की दुकानें और वाहन फूंक डाले। हि‍फाजत-ए-इस्‍लाम के लोग उन लोगों को फांसी पर लटका देना चाहते हैं जो इस्‍लाम को नहीं मानते। वहीं सरकार इस्‍लाम न मानने वालों को उनके नास्‍ति‍क होने के चलते गि‍रफ्तार कर रही है। इससे भी हि‍फाजत-ए-इस्‍लाम के लोग खुश नहीं हैं। वो उनकी हत्‍या करना चाहते हैं और यही उनका मुख्‍य उद्देश्‍य है। उनका दूसरा एजेंडा बांग्‍लादेश को फालतू के धर्म की फालतू धरती बनाना है।'
तस्‍लीमा ने कहा कि 'अल्‍लाह अपने खुद की और अपने धर्म की रक्षा करने में अक्षम हो गए हैं। इसलि‍ए सरकार और कुछ स्‍वयं सेवी संगठन मि‍लकर अल्‍लाह और इस्‍लाम की रक्षा करने के लि‍ए काम कर रहे हैं। बांग्‍लादेश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीति‍क पार्टी इस्‍लाम और कट्टर इस्‍लामि‍यों को सपोर्ट करती है। देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीति‍क पार्टी का भी यही एजेंडा है। बांग्‍लादेश सरकार इस्‍लाम की आलोचना करने वालों के खि‍लाफ पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। ऐसा लगता है कि बांग्‍लादेश में ज्‍यादातर लोग इस्‍लाम की रक्षा करने की कोशि‍श कर रहे हैं। इस्‍लाम विकलांग हो गया है और बगैर मदद के जिंदा नहीं रह सकता।'

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