Monday, October 28, 2013

पाकिस्‍तान में हिन्दू लड़कियां उठा ले जाते हैं, जबरन कलमा पढ़वाते हैं


नई दिल्ली। ‘जान से मार दो, लेकिन पाकिस्तान वापस मत भेजो।’ ये दर्दनाक अपील है उन अल्पसंख्यक हिंदू परिवारों की जो अपना मुल्क पाकिस्तान छोड़कर भारत में शरण लिए हुए हैं। पाकिस्‍तान छोड़कर भारत आए सोना दास के मुताबिक वहां हिंदू परिवारों पर बेइंतहा जुल्म ढहाए जाते हैं। हिंदू अपने धर्म को नहीं मान सकते। उन्‍हें अपनों बच्‍चों को पढ़ाने की भी आजादी नहीं है। मजबूरी में हिंदू बच्‍चों को अपने मदरसे में ही पढ़ाना होता है। अंतिम संस्कार शव को जलाकर नहीं बल्कि दफना कर करना होता है। औरतें मांग में सिंदूर नहीं लगा सकतीं। जवान बहू-बेटियों पर बुरी नजर रखी जाती है।

धर्म परिवर्तन के लिए किया जाता है बेड़ियों में कैद

धर्म परिवर्तन के लिए बेड़ियों में कैद किया जाता है। लड़कियों की जबरन मुस्लिमों से शादी कराई जाती है। अकेले कराची में हिंदू लड़कियों की जबरन शादी के हर महीने 15 से 20 मामले सामने आते हैं। पाकिस्‍तान से आए इन हिंदुओं का कहना है कि पड़ोसी मुल्क में उनके साथ सौतेला बर्ताव किया जाता है। लूटपाट और डकैती तो आम बात है। दबंग उनकी बहन-बेटियों की इज्जत पर भी बुरी नजर रखते हैं। यही वजह है कि ये लोग अपना घर-बार, जमीन-जायदाद छोड़कर भारत में स्थायी तौर पर शरण मांग रहे हैं। इन लोगों का वीजा 8 अप्रैल को खत्म हो गया था और सरकार ने इन सभी का वीजा फिलहाल एक महीने के लिए बढ़ा दिया है, लेकिन सवाल ये कि आखिर इन लोगों का भविष्य क्या होगा?

480 लोग आए हैं पाकिस्‍तान से

पाकिस्तान में हिंदू परिवारों पर हो रहे जुल्म से परेशान 480 लोग तीर्थ यात्रा के लिए वीजा के जरिए एक महीने पहले भारत आए थे और अब स्थायी तौर पर यहीं रहने की इजाजत मांग रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि वहां जाने से अच्छा है कि हम यहीं पर मर जाएं। इनमें से हर एक शख्स के पास सुनाने को दर्द भरी दास्तान है। यशोदा का कहना है कि हमें हिंदी नहीं पढ़ा के बल्कि कलमा पढ़ने को बोलते थे। माला का कहना है कि वहां रहने का माहौल नहीं है। एक महीने पहले धार्मिक वीजा पर भारत आए ये 480 लोग दक्षिणी दिल्ली के बिजवासन इलाके के एक स्कूल में पनाह लिए हुए हैं। पाकिस्तान में अपना घर बार छोड़ ये लोग यहां भले खानाबदोश की तरह जीने को मजबूर हैं, लेकिन खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

भारत सरकार करती रही है नजरअंदाज

पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश में रह रहे हिंदू अल्‍पसंख्‍यकों की परेशानी के बारे में भारत सरकार भलि भांति अवगत है। आये दिन वहां हिंदू कारोबारियों को अगवा किया जाता है। किसी से रंगदारी मांगी जाती है तो किसी को सिर कलम कर दिया जाता है। किसी की बेटी को जबरन उठाकर ले जाया जाता है और धर्म परिवर्तन कराकर शादी करा दी जाती है और इसके खिलाफ अगर कोई आवाज उठाता है तो पूरे परिवार की जान पर बन आती है। ऐसे कई मामले पाकिस्‍तान की अदालतों में चल रहे हैं, लेकिन भारत सरकार ने कभी इस मसले को ठोस तरीके से पाकिस्‍तान के सामने नहीं उठाया। ये पहली बार नहीं है जब पाकिस्‍तान से आए हिंदू लौटना नहीं चाहते हैं बल्कि इससे पहले भी हजारों लोग वहां से आ चुके हैं, लेकिन सवाल ये है कि वो लोग जो वहां रह रहे हैं, उनकी सुरक्षा के लिए भारत सरकार क्‍या कोई कदम उठा रही है?

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